जवानों की हथेलियों पर चलकर ससुराल विदा हुई शहीद की बहन
बल्लभगढ़, नितिन बंसल
। श्रीनगर में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए कमांडो संदीप की बहन पूनम जब दुल्हन के लिबास में ससुराल विदा हुई तो अचानक जमीन पर कई हथेलियां बिछ गईं। यह हथेलियां उसके बड़े भाई के साथी स्पेशल फोर्स के जवानों की थीं। स्पेशल फोर्स ने शहीद की बहन की शादी में तोहफे और कन्यादान भी भेजे। यह देख पूनम के साथ उसके परिवार की आंखें भी नम हो गईं। पूनम ने बस इतना कहा कि इनके बीच यदि मेरे बड़े भाई भी होते तो... वह इसके आगे बोल नहीं पाई। अटाली गांव की पूनम के पिता नैनपाल ने बताया कि उनके चार बच्चों में संदीप सबसे बड़ा था। उसके बाद बेटी उर्मिला, बेटा सोनू और पूनम हैं। साल 2005 में संदीप 10 पैरा स्पेशल फोर्स में भर्ती हो गया। पिछले साल 12 फरवरी को श्रीनगर में आतंकियों से मुठभेड़ में उसे तीन गोलियां लगीं। वह 19 फरवरी को शहीद हो गया। संदीप की पत्नी गीता, बेटी लावण्या और जुड़वा बेटे रक्षित और रशित हैं। घर में पूनम की शादी ही बची थी। संदीप अपनी छोटी बहन की शादी धूमधाम से करना चाहता था। शहीद संदीप के भाई सोनू ने बताया कि शादी के दिन स्पेशल फोर्स से भाई के दोस्त और अन्य जवान मदद के लिए आने वाले थे, लेकिन उन्होंने जो सम्मान दिया उसके बारे में नहीं सोचा था। स्पेशल फोर्स की तरफ से करीब 25 कमांडो को भेजा गया था। वे गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक पहुंच गए थे। फोर्स की तरफ से कमांडर ने तोहफे और कन्यादान भी भेजा था। सब उस समय अचंभित रह गए जब पूनम की विदाई होने लगी। जवानों ने उसकी राह में हथेलियां बिछा दीं और उन पर चलकर जाने के लिए कहा। जिस जवान की हथेली पर चलकर वह आगे निकल जाती, वह उठकर आगे जाकर फिर हथेलियां बिछा देता। जवानों ने इस अनोखे अंदाज से जहां अपने शहीद साथी को श्रद्धांजलि दी, वहीं उनकी आंखों में नमी भी साफ नजर आई, जैसे वह भी अपने दोस्त को याद कर रहे हों। सोनू ने बताया कि स्पेशल फोर्स से आए कमांडो में सतपाल, राकेश, अश्विनी, हरीश, मनिंदर, सुनील, अनिल, चंद्रपाल, बीरबल, कपिल, देवेंद्र, अमित, दिलीप, पवन, उपेंद्र आदि शामिल थे। नवविवाहिता पूनम के पति दिनेश ने बताया कि उनके लिए यह सरप्राइज से ज्यादा खुशी का पल था। बड़े भाई संदीप के शहीद होने के बावजूद उनके दोस्तों और फोर्स के लोगों ने इतना सोचा और सम्मान दिया, यह सबसे बड़ी खुशी थी।
बल्लभगढ़, नितिन बंसल
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