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रानी की छतरी के निर्माण में हो रहा पुरानी सामग्री का प्रयोग

रानी की छतरी के निर्माण में हो रहा पुरानी सामग्री का प्रयोग 

बल्लभगढ़, नितिन बंसल,फूलसिंह चौहान की रिपोर्ट ।
छतरी के निर्माण में पुरानी सामग्री का प्रयोग करते कारीगर  
 बल्लभगढ़ की ऐतिहासिक रानी की छतरी के निर्माण में पुरानी सामग्री का प्रयोग करने का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। नगर निगम के ठेकेदार व अधिकारियों की लापरवाही के चलते हरियाणा सरकार के राजस्व को चूना लगाया जा रहा है परंतु यइ मामला उजागर होने के बावजूद अभी तक इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है, जिससे स्थानीय लोगों में रोष व्याप्त है। लोगों का कहना है कि इस ऐतिहासिक धरोहर की बमुश्किल सुध तो हरियाणा सरकार ने ली है और अब इसके निर्माण पर पुरानी सामग्री का प्रयोग करना लोगों के साथ अन्याय है। गौरतलब है कि रानी की छतरी के निर्माण के लिए सरकार ने राशि मंजूर की थी, जिसके चलते यहां विकास कार्य चल रहे है परंतु इन विकास कार्याे में पुरानी सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है। गौरतलब है कि बल्लभगढ़ के राजा नाहर ङ्क्षसह की रानी के स्नान के लिए बल्लभगढ़ सरकारी अस्पताल और राष्ट्रीय राजमार्ग के पास छतरी और शाही तालाब का निर्माण कराया गया था। इस तालाब में आगरा नहर से साफ पानी भरा जाता था। तालाब में रानी स्नान करती थीं और वे छतरी के ऊपर चढक़र पूजा पाठ करती थीं। राजा नाहर ङ्क्षसह 1857 की क्रांति के अग्रणी योद्धाओं में शामिल थे। अंग्रेजों ने उन्हें धोखे से बंधक बनाकर नौ जनवरी 1858 में दिल्ली में लाल चौक पर फांसी पर लटका दिया था। इसके बाद राजा के सभी ऐतिहासिक स्थलों को अंग्रेजों ने अपने कब्जे में ले लिया। आजादी के बाद सभी ऐतिहासिक स्थलों पर राज्य सरकार का कब्जा हो गया। रानी की छतरी में स्वास्थ्य विभाग ने बाल कल्याण स्वास्थ्य केंद्र स्थापित कर दिया। जब रानी की छतरी और शाही तालाब की स्थिति जर्जर हो गई तो प्रशासन ने इंटेक संस्था की मदद से इसका जीर्णोद्धार करने का काम शुरू कर किया। नगर निगम ने इसके जीर्णोद्धार के लिए 10 लाख रुपये दिए थे। इसके बाद कोई भी राशि न तो सरकार से मिली और न ही नगर निगम ने दी। इस तरह से जीर्णोद्धार का काम अधर में लटक गया। रानी की छतरी और शाही तालाब का जीर्णोंद्धार के लिए प्रशासन ने एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई है। इस रिपोर्ट के अनुसार जीर्णोद्धार के लिए एक से सवा करोड़ रुपये की जरूरत बताई गई। विधायक ने इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल से एक करोड़ रुपये दिए जाने की मांग की है। इस मांग को मुख्यमंत्री ने मंजूर कर दिया है।

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