लॉक डाऊन में मजदूरों व व्यापारी उठा रहे है नुकसान
प्राइवेट स्कूल, बिजली विभाग कर रहे मनमानी
फरीदाबाद के संवाददाता, नितिन बंसल
(फूलसिंह चौहान)।
देश में लॉक डाऊन-2 घोषणा होने के साथ ही व्यापारी व मजदूर वर्ग पर इसका सीधा असर देखा जा रहा है। हालांकि सरकार ने इस दौरान इस वर्ग को हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी यह वर्ग इस लॉक डाऊन से सबसे यादा प्रभावित हो रहा है। कोरोना की महामारी के दौर में देश को लॉक डाउन के चलते मजदूरों को जहां काम नहीं मिल पा रहा वहीं व्यापारियों को भी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है, जिसको यान में रखते हुए सरकार ने आम आदमी पर बोझ ना पड़ी इसलिए हरियााा सरकार द्वारा बिजली के बिलों को व स्कूल की फीस माफ करने की बात कही गई थी लेकिन 20 दिन बीत जाने के बाद ही सरकार के वादे फीके दिखाई दे रहे है।
स्कूल वाले अपने एसएमएस के द्वारा पैरेंट्स से फीस मंगवा रहे हैं। दूसरा बिजली विभाग बिना रीडिंग लिए हुए एवरेज के आधार पर ग्राहकों के मोबाइल पर बिजली का बिल भेज रहे है जिनकी अंतिम तिथि 17 अप्रैल दी गई समय पर ना भुगतान किए जाने पर जुर्माना लगाए जाने को कहा है। लोगों का कहना है कि एक तरफ तो लॉक डाउन के चलते उसके खाने-पीने की प्रॉब्लम है वहीं दूसरे और सरकार लोगों पर आर्थिक बोझ डाल दिया है। ऐसा लगता है कि नागरिक बीमारी को कम इस तंगी से जरुर मर जाएगा । सरकार को चाहिए इन प्राइवेट स्कूलों व बिजली विभाग पर लगाम कसने और निर्देश जारी करें कि इस मुश्किल घड़ी में फीस और बिल को माफ करने की घोषणा करने चाहिए।
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बिजली के बिल का एसएमएस |
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